*सूर्यग्रहण से सम्बंधित कुछ सावधानियां व दिशा निर्देश* :-
1) *दिल्ली* में 21 जून *रविवार* के सूर्यग्रहण 🌞का समय *सुबह* *10:20 से दोपहर 1:49 बजे तक का है ।*
2) सूतक 20 जून रात्रि 10 बजे से लग जाएगी । ( *सूर्यग्रहण में 12 घण्टे पहले )*
उसके बाद कोई भी स्वस्थ व्यक्ति (बच्चे, बूढ़े, गर्भिणी स्त्रियों व रोगियों को छोड़कर) भोजन 🥗 नहीं करे ।
*3) 20 जून शनिवार को दोपहर (समय आपको पंचांग से पता लग जायेगा)* से ही *अमावस्या* शुरू हो रही है, उससे पहले ही तुलसी पत्र 🍃आदि तोड़कर रख लें (अनाज, खाद्य पदार्थों में रखने हेतु) ,
ध्यान रखें कि *दूध* 🥛में कभी भी *तुलसी पत्र* नहीं डाला जाता ।
*नोट : रविवार को तुलसी न तोड़ सकते हैं न खा सकते हैं ,*
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*नोट : अमावस्या को भी किसी वृक्ष से फल फूल पत्र आदि तोड़े नहीं जाते हैं ।*
*अमावस्या* कल शनिवार *प्रातः 11.51* से है ।
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4) 21 जून सुबह को पानी पीना है उसके लिए एकरात पहले 20 जून को सूतक लगने से पहले ही पानी में कुशा आदि डाल दें जिससे सूतक के कारण पानी अशुद्ध न हो, तुलसी पत्र इसीलिए नहीं डाल सकते क्योंकि 21 जून को रविवार है ।
सुबह सुबह पानी पी लीजिये, क्योंकि 2 घण्टे के अंदर अंदर यह पानी पसीने व लघुशंका आदि के द्वारा शरीर से बाहर चला जायेगा ।
5) प्रतिदिन की तरह सुबह को अपना 📿 माला जप पाठ आदि का नियम कीजिये । उम्मीद है कि ग्रहण के पहले- पहले ही सब साधको का प्रतिदिन वाला माला जप का नियम पूर्ण हो जायेगा ।
6) सुबह पौने दस बजे एकबार लघुशंका आदि जा आइए, कुल्ला आदि कर लीजिए, क्योंकि इसके बाद आपको 3:30 घण्टे तक लघुशंका नहीं जाना है ।
*नोट* : भारत में सबसे पहले ग्रहण 🌜मुंबई में सुबह 10 बजे शुरू हो जाएगा , इसीलिए इससे पहले पहले ही लघुशंका आदि से निवृत हो जाना चाहिए ।
7) आप प्रतिदिन जो भी मंत्र जपते हैं उनकी कम से कम 1-1 माला ग्रहण काल मे जरूर कर लेना चाहिए अन्यथा मंत्र अशुद्ध हो जाता है ।
*गायत्री महामंत्र (ॐ भुर्भुवः स्वः .....)
स्वास्थ मन्त्र (धर्मराज मन्त्र अथवा ॐ हंसं हंस: स्वाहा)
ब्रह्मचर्य रक्षा मन्त्र (ॐ अर्यमायै नमः)*
की कम से कम 1-1 माला जरूर कीजिये ।
*गुरुमंत्र, ॐ कार मन्त्र , सूर्य मन्त्र (ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नमः) आदि का खूब जप करना चाहिए ।*
🙏🙏गुरुदेव के उत्तम स्वास्थ्य हेतु महामृत्युंजय मंत्र की माला भी जप लेना चाहिए ।
अधिक जानकारी हेतु ग्रहण के समय *मंगलमय चैनल से लाइव* जुड़कर भी विभिन्न मंत्रों के जप / कीर्तन आदि का लाभ उठा सकते हैं ।
8) बुद्धि व मेधा शक्ति बढ़ाने हेतु जिन्हें ब्राह्मी घृत का प्रयोग करना है वो 80 माला "ॐ नमो नारायणाय" का जप करें ।
9) *सूर्यग्रहण के समय आप केवल
जप (बगैर माला के मुँह से बोलकर अथवा मानसिक रूप से अथवा माला पर), ध्यान, कीर्तन, आत्मचिंतन, ॐ कार उच्चारण , आदित्यह्रदय स्तोत्र का पाठ आदि कर सकते हैं ।*
शास्त्र पठन व सत्संग श्रवण आदि उस समय उचित नहीं है ।
*अधिक से अधिक मौन रखकर जप करें वह ही श्रेष्ठ माना गया है* ।
10) जिन वस्त्रों को पहनकर ग्रहण में आप *जप* कर रहे हैं ग्रहण के बाद उन्हीं *वस्त्रों सहित* स्नान करना चाहिए, *आसन* व *गौमुखी* को भी धो लेना चाहिए, *माला को गंगाजल* अथवा *गौझरण* से धो लेना चाहिए ।
11) तत्पश्चात ताज़े पानी से स्नान आदि करके *सूर्य की स्वच्छ* *छवि* के दर्शन - *पूजन करें व सूर्य को विधि सहित अर्घ्य भी देना चाहिए ।*
अगर *स्नान* हेतु *ताज़ा पानी* उपलब्ध नहीं हो सकता है तो एकरात पहले ही *टँकी* के *पानी* मे *कुशा* डाल दीजिये ।
12) ग्रहण के समय पूजा की जगह पर गंगाजल आदि रख लेने से जप का फल भी कई गुना ज्यादा मिलता है ।
13) ग्रहण के पहले जो कुशा, तुलसीदल, तिल अथवा दूर्वा आदि खाद्य पदार्थों में डाली है वह *ग्रहण के बाद निकाल लेना चाहिए ।*
वैसे नियम तो साधक भाई - बहनों को पता ही हैं ।
*आप सभी के उत्तम भविष्य के लिए मेरी ओर से मंगल कामनाएं*