Tuesday, 27 July 2021

दूर्वा अष्टमी की व्रत विधि

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दूर्वा अष्टमी की व्रत विधि

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होने के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करें और उसके पश्चात व्रत का संकल्प लें। पूजा स्थल पर देवताओं को फल-फूल, चावल, धूपबत्ती, दही और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। इस दिन दूर्वा अष्टमी के पालनकर्ता भगवान गणेश और शिव की विधिवत पूजा करके भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करें। मान्यता है कि इस दिन महिलाओं द्वारा पूरी श्रद्धा के साथ व्रत-पूजा और भोग अर्पित करने से घर में सुख समृद्धि व खुशियां आती हैं। दूर्वा अष्टमी के दिन भगवान गणेश को तिल और मीठे आटे से बनी रोटी का भोग लगाया जाता है। पूजन के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और वस्त्र का दान करें।

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Saturday, 17 July 2021

गुरु पौर्णिमा महात्म्य


Ashadh Guru Purnima 2021: हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच पूर्णिमा तिथि का विशेष स्थान है. इस तिथि को भगवान विष्णु की सच्चे मन से विधि-पूर्वक पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है. जब यह पूर्णिमा तिथि आषाढ़ महीने में होती है, तो इसे गुरु पूर्णिमा कहते हैं. इस पूर्णिमा के दिन अर्थात आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु महार्षि व्यास जी का जन्म हुआ था.

इस लिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इससे आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. साल 2021 की गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई को पड़ रही है. वेदव्यास जी ने ही पहली बार चारों वेदों का ज्ञान दिया था. इस लिए महर्षि व्यास जी को पहले गुरु की उपाधि दी गई है. धार्मिक मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन इस छोटे से उपाय को करने से घर में सुख समृद्धि आती है. मनोकामना पूरी होती है. धन का आगमन बना रहता है.  

  1. गुरु पूर्णिमा के दिन भागवन विष्णु का विधि पूर्वक पूजा करें और अच्युत अनंत गोविंद नाम का 108 बार जप करें. अब आटे की पंजीरी का प्रसाद बनाकर भोग लगाएं. पूजा के बाद घर-परिवार के लोगों में प्रसाद बांटे. इस प्रसाद को खाने से हर किसी की सेहत अच्छी बनी रहेगी.

  2. गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातः काल स्नान के बाद लक्ष्मी- नारायण मंदिर में पथ करें और कटा हुआ गोल नारियल चढ़ाएं तथाप्नी मनोकामना भगवान के सामने कहें. इससे आपके बिगड़े काम बन जायेंगे तथा मनोकामना पूरी होगी.

  3. घर की सुख- समद्धि को बनाए रखने के लिए प्रातःकाल स्नानादि करने के बाद कुमकुम घोल कर मंदिर के बाएं और दायें तरफ स्वास्तिक का निशान बनाएं और मंदिर में दीपक जलाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से आपके घर में गृह क्लेश की समस्या दूर होगी और सुख- समृद्धि बनी रहेगी.

  4. यदि आपकी कुंडली में गुरु दोष है तो गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की सच्चे मन से श्रद्धा पूर्वक पूजा करें और जरूरत मंद को अन्न दान करें. इससे सभी दुख दूर हो जाएंगे.

  5. यदि आप किसी प्रकार की आर्थिक तंगी से गुजर रहें हैं. तो इसे दूर करने के लिए जरूरतमंद लोगों को पीले अनाज, पीले वस्त्र और पीली मिठाई भोग का दान करें.

  6. गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु को सम्मान देकर उनका आशीर्वाद लें. क्योंकि गुरु को भगवान से उच्च स्थान दिया गया 

तुळशी कवच


तुलसी श्रीमहादेवि नमः पंकज धारिणी शिरोमे तुलसी पातु भालं पातु यशस्विनी । दूर्गो मे पदमनयना श्रीसखी श्रवणो मम दूर्गों घ्राण पातु सुगन्धमे नखं च सुमुखी मम

जिह्वां मे पातु शुभदा कण्ठ विद्यामयो मम। स्कन्धौ कल्हारिणि पातु हृदयं विष्णु वल्लभा ॥ पुण्यदा मातु मे मध्यं नाभि सौभाग्य दायिनी। कटि कुण्डलिनी पातु ऊरु नारद वन्दितः ॥

जननी जानुनी पातु जंघे सकल वन्दिता । नारायण प्रिया पादौ सर्वांग सर्वरक्षिणी ॥ सङ्कटे विषमे दुर्गे भये वादे महाहवे। नित्ये साध्ययौ पातु तुलसी सर्वदः सदा ॥

इतीदं परम गुह्यं तुलस्या कवचामृतम् । मृत्यान ममृतार्थाय भीतानाम भयाय च ॥ मौक्षाय च मुमुक्षाणां ध्यानिनां ध्यानयोगकृत । वशाय विश्वकामनां विद्यावै वेदवादिकाम् ॥


द्रविणाम दरिद्राणां पापिना पाप शान्तय । अन्नाय क्षुधितानां च स्वर्गमिच्छताम् ॥ भक्तर्थ विष्णु भक्तानां विष्णो सर्वान्तिरात्मनि । जाप्य त्रिवर्ग सिद्धयर्थ गृहस्थेन विशेषतः ॥

Regards
Dr.Suhas Rokde
Medical Astrologer
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Wednesday, 14 July 2021

प्रज्ञा वर्धक स्तोत्र


॥ प्रज्ञाविवर्धन कार्तिकेय स्तोत्रम् ॥

स्कन्द उवाच 

योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनन्दनः । स्कन्दः कुमारः सेनानीः स्वामी शङ्करसम्भवः ॥ १ ॥ 
गाङ्गेयस्ताम्रचूडश्च ब्रह्मचारी शिखिध्वजः। तारकारिरुमापुत्रः क्रौञ्चारिश्च षडाननः ॥२॥ शब्दब्रह्मसमुद्रश्च सिद्धः सारस्वतो गुहः । 
सनत्कुमारो भगवान् भोगमोक्षफलप्रदः ॥ ३॥ 
शरजन्मा गणाधीशपूर्वजो मुक्तिमार्गकृत् । 
सर्वागमप्रणेता च वाञ्छितार्थप्रदर्शनः ॥४॥ अष्टाविंशतिनामानि मदीयानीति यः पठेत् । 
प्रत्यूषं श्रद्धया युक्तो मूको वाचस्पतिर्भवेत् ॥ ५॥ महामन्त्रमयानीति मम नामानुकीर्तनम् । महाप्रज्ञामवाप्नोति नात्र कार्या विचारणा ॥६॥ 

॥ इति श्रीरुद्रयामले प्रज्ञाविवर्धनाख्यं श्रीमत्कार्तिकेयस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥


Tuesday, 13 July 2021

Ashadha Gupta Navratri July 2021 (आषाढ़ मास गुप्त नवरात्री 2021 )

Ashadha Gupta Navratri July 2021 (आषाढ़ मास गुप्त नवरात्री 2021 )

11 जुलाई से आषाढ़ गुप्त नवरात्री प्रारम्भ हो रही है। गुप्त नवरात्री में पूजा सामान्य नवरात्री के सामान ही होती है, लेकिन इस समय का उपयोग आप विशिष्ट साधनाओं को संपन्न करने में एवं अपने जीवन को उच्च कोटि पर ले जाने के लिए कर सकते हैं। गुप्त नवरात्री में विशेष रूप से दस महाविद्याओं की उपासना की जाती है। भारत सदैव से ही अपनी आध्यात्मक शक्तियों के कारण विश्व गुरु रहा है लेकिन आज की पीढ़ी विरासत में मिले इस ज्ञान का मोल नहीं समझ रही है और शायद यही कारण है की आज सभी सुख सुविधाएँ होने के पश्चात भी मनुष्य सुखी नहीं है। वास्तविक सुख ध्यान, योग एवं ईश्वरोपासना से ही प्राप्त किया जा सकता है ये जितना जल्दी हम समझेंगे उतना ही हमारे हित में होगा।

आपके दिमाग में यह प्रश्न जरूर आ रहा होगा कि इसे गुप्त नवरात्र क्यों कहा जाता है? ऐसी मान्यता है कि इस नवरात्र में साधु संत और साधक अपनी सिद्धि की प्राप्ति के लिए मां दुर्गा की पूजा और आराधना गुप्त रूप से करते हैं इसलिए इसे गुप्त नवरात्र करते हैं। ऐसा माना जाता है कि आषाढ़ की नवरात्र में गजब की शक्ति होती है। इस साल रविवार को रवि पुष्य योग होने से गुप्त नवरात्र की पूजा मनचाहा फल देने वाली होगी। जो भी लोग मनोकामना पूर्ति के लिए पूजा करेंगे उन्हें जरूर सफलता प्राप्त होगी।

11 जुलाई 2021 (रविवार) - प्रतिपदा, घट स्थापना, शैलपुत्री पूजा 12 जुलाई 2021 (सोमवार) द्वितीया, ब्रह्मचारिणी

पूजा

13 जुलाई 2021 (मंगलवार) तृतीया, चंद्रघंटा पूजा

14 जुलाई 2021 (बुधवार) चतुर्थी, कुष्मांडा पूजा

15 जुलाई 2021 (गुरुवार) - पंचमी, स्कंदमाता पूजा

16 जुलाई 2021 (शुक्रवार) - षष्टी, कात्यायनी पूजा,

सप्तमी, कालरात्रि पूजा

17 जुलाई 2021 (शनिवार) महागौरी पूजा, दुर्गा महा अष्टमी पूजा

18 जुलाई 2021 (रविवार) नवमी नवरात्रि