Monday, 6 July 2020

गुरुपूर्णिमा का महत्व



|| निखिलम शरनम ||


गुरु पूर्णिमा के दिन ही सद्गुरु शिव ने सप्तऋषियों को योग सिखाया था | 

सदाशिव 


शिव को आदिगुरु कहा जाता है | 15000 वर्षो से भी पहले गुरु पूर्णिमा के दिन पहला शिष्य बनाया और उन्हे योगिक विज्ञान की शिक्षा दी | पहले उपदेश मे कहा- आपकी क्षमता वर्तमान से बहुत आगे बढ़ाने की है | सप्तऋषि इस ज्ञान को लेकर पूरी डिनिया मे गए | धरती की हर आध्यात्मिक प्रक्रिया के मूल मे शिव का ज्ञान है | 

दलाई लामा : बुद्ध ने 5 भिक्षुयो को धर्म उपदेश दिया 

गौतम बुद्ध 

करीब 2600 साल पहले तथागत बुद्ध ने आषाढी पूर्णिमा के दिन सारनाथ मे पाँच भिक्षुयों को धर्म का पहला उपदेश दिया | इसे 'प्रथम धर्मचक्र प्रवर्तक' कहते है | गुरु पूर्णिमा को बौद्ध 'संघ दिवस' कहा जाता है | बुद्ध ने उपदेश मे चार आर्य सत्यों के बारे मे बताया था | ये है-दुख है, दुख का कारण है, दुख का निदान है, निदान का मार्ग निर्वाण है |

आचारी विद्यासागरजी : महावीर ने 5 यम बताए 

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भगवान महावीर 

जैन धर्म मे आज का दिन त्रिनोक गुहा पूर्णिमा कहलाता है | 24 वे तीर्थकर भगवान महावीर को ही 'त्रिनोक गुहा' याही प्रथम गुरु भी माना जाता है | बागवान महावीर ने इसी दिन इंद्रभूति गौतम को अपना पहला शिष्य बनाया | उन्होने पहले उपदेश मे 5 यम - अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रम्हचर्य को जीवन का मार्ग बनाया |

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