जय गुरुदेव
भारत पाकिस्तान के बिच में १९७१ में भीषण युद्ध प्रारम्भ हो गया.....पाकिस्तान को अमेरिका और चीन का खुला सपोर्ट था .....रूस भारत के साथ खड़ा था किन्तु उसने हथियार तो दे दिए ...लड़ना तो भारतीय फौज को ही था ...वो भी दोनों मोर्चे पर ...पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) और पच्छिमी पाकिस्तान ...
ऐसे में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी ने अपने आर्मी चीफ जनरल सेम मनिकसाहा को सदगुरुदेव डॉ नारायण दत्त श्रीमाली जी के पास भेजा....और तब अपने देश की सुरक्षा के लिए सदगुरुदेव ने जो किया उस से एक नए राष्ट्र का जन्म हुआ...
जी हाँ सदगुरुदेव ने बगलामुखी ब्रह्मास्त्र का वह अचूक वार किया ....कि बांग्लादेश में पाकिस्तान कि फौज का स्तम्भन हो गया ....एक लाख कि फौज घुटनो पर बैठ गयी.....पश्चिम में भी भारत के सेना ने लाहौर ..करांची को तबाह कर दिया....अमेरिका दूर से ही देखता रह गया....और भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए...
यह सब संभव हो सका हमारे प्यारे निखिल सदगुरुदेव कि कृपा से .....क्योकि जननी जन्मभूमिस्चय स्वर्गादपि गरीयसी ......महापुरुष जनम लेंगे ..तुझ जैसा निखिल दुनिया में कहाँ होगा...
विजयोपरांत जनरल सैम मनिकसाहा सदगुरुदेव को आभार प्रकट करने के लिए स्वं जोधपुर पधारे थे........
जय गुरूदेव
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