गंगा सप्तमी की पूजा विधि
7 मई 2022, शनिवार
कहा जाता है कि गंगा सप्तमी के दिन मॉं गंगा की विधि विधान से पूजा अर्चना करने और गंगा स्नान करने से व्यक्ति के जीवन में अत्यधिक सुखद परिणामों की प्राप्ति होती है। मॉं गंगा पर आस्था रखने वाले लोग इस दिन उपवास रख विधि पूर्वक उनकी आराधना करते हैं और अपने जीवन में सुख समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन मॉं गंगा की उपासना करने से मनुष्य को उसके पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। इसके अलावा मॉं गंगा की कृपा हमेशा उन पर बनी रहती है।
आइए जानते हैं कैसे इस दिन करें मां गंगा की आराधना-
गंगा सप्तमी के पावन दिन सूर्योदय से पहले उठकर गंगा नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। लेकिन अगर गंगा नदी में स्नान करना संभव ना हो तो सूर्योदय से पहले उठकर घर के पानी में गंगा जल की कुछ बूंदों को मिलाकर स्नान आदि कर लें।
इसके बाद घर के मंदिर में उत्तर दिशा में एक चौकी रखें और उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें।
फिर उसपर मॉं गंगा की मूर्ति या तस्वीर के साथ कलश की भी स्थापना करें।
कलश में रोली,चावल, गंगाजल, शहद, चीनी, गाय का दूध, इत्र इन सभी सामग्रियों को भर लें।
कलश के ऊपर अशोक के पांच पत्ते को लगाकर नारियल रखें। नारियल पर कलावा भी बांधें । फिर मॉं गंगा की प्रतिमा पर लाल चंदन से तिलक करें और कनेर का फूल मॉं के चरणों में अर्पित करें।
तत्पश्चात मॉं गंगा को प्रसाद में फल के साथ गुड़ का भोग भी लगाएं।
फिर देवी गंगा की व्रत कथा सुनें। अंत में उनकी आरती उतारें।
आरती के बाद, 11 या 21 बार “ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः”, इस मंत्र का उच्चारण करें।
कहा जाता है कि गंगा सप्तमी के दिन मॉं गंगा के मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी होता है।
तो भक्तों श्री मंदिर के इस लेख में आपने जाना की गंगा सप्तमी के दिन देवी गंगा की आराधना कैसे करें। इसके अलावा अगर आप गंगा सप्तमी की कथा सुनना चाहते हैं तो उससे संबंधित लेख आप श्री मंदिर के ऐप पर जाकर देख सकते हैं।
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