धन्वन्तरि वंदना
नमामि धन्वंतरिमादि देवं सुराः सुरैर्वन्दित पाद पद्मम् । लोकैर्जरारूक् भय मृत्यु नाशं धातारमिशंविविधौषधिनाम् ।। चंव्योमवातावनिवारिवह्निं पंच प्रपंचात्मक देहभाजम् । संताप संपात जरा ज्वरान्तकम् नमामि धन्वंतरिमादि देवम् ।। नवीन नील मुदकान्ति कान्तं शान्तं हरैर्द्वादशमाख्यमूर्तिम् । पूर्ति शतानाम् सुमनोरथानाम् नमामि धन्वंतरिमादि देवम् ।।
॥ धन्वंतरि मंत्र ||
॥ मूल मंत्र | |
ॐॐ श्री धन्वंतरि नमः।
मंत्र 1
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वन्तरये, अमृत कलश हस्ताय | सर्वामय विनाशाय, त्रैलोक्य नाथाय महाविष्णवे नमः ॥1॥
मंत्र 2
ॐॐ नमो भगवते महा सुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वन्तरये, अमृतकलश हस्ताय |
सर्वाभय विनाशाय सर्वरोग निवारणाय, त्रैलोक्य पतये त्रैलोक्यनाथाय |
श्री महाविष्णवे स्वरूपाय श्री धन्वंतरि स्वरूपाय, श्री श्री औषध चक्र नारायणाय नमः ||2||
॥ धन्वंतरि गायत्री मंत्र ||
ॐ वासुदेवाय विद्महे, वैद्यराजाय धीमहि,
तन्नो धन्वन्तरि प्रचोदयात्।
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